डिजिटल युग में हिंदी मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर डिजिटल युग में हिंदी मीडिया के समक्ष अवसर और चुनौतियां की समीक्षा करना उचित होगा।
डिजिटल युग में हिंदी मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर डिजिटल युग में हिंदी मीडिया के समक्ष अवसर और चुनौतियां की समीक्षा करना उचित होगा। वर्तमान में हिंदी में प्रमुख समाचार पत्रों समेत कई ऑनलाइन समाचार पोर्टल हैं तो दूसरी और हिंदी मीडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय है, जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, और यूट्यूब। कई हिंदी समाचार पत्र और चैनल अपने मोबाइल ऐप्स भी सफलतापूर्वक चला रहे हैं, जिससे पाठकों को ताज़ा खबरें और अपडेट्स मिलते हैं।
हिंदी के पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों के बदलते प्रौद्योगिकी की दिशा में सकारात्मक रुझान इसी बात से स्पष्ट होता है कि हिंदी में पॉडकास्ट की लोकप्रियता बढ़ रही है, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा और विश्लेषण किया जाता है। यही नहीं, हिंदी मीडिया वीडियो कंटेंट पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें समाचार, विश्लेषण, और मनोरंजन संबंधी वीडियो शामिल हैं। मगर हिंदी मीडिया की यह प्रगतिशील यात्रा निष्कंटक भी नहीं है। इसके समक्ष एक बड़ी चुनौती डिजिटल साक्षरता की कमी है, जिससे पाठकों को ऑनलाइन सामग्री तक पहुंचने में परेशानी होती है। साथ ही सोशल मीडिया पर झूठी खबरों और अफवाहों का फैलना एक बड़ी चुनौती है, जिससे हिंदी मीडिया की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है। असामाजिक और राष्ट्र विरोधी तत्व छद्म समाचार और आख्यान के माध्यम से समाज में भ्रम और नफरत पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं । मीडिया साक्षरता के अभाव में यह निश्चित ही चिंता का विषय है।
प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिकरण और पाठकों, विशेष कर युवा पीढ़ी के बढ़ते हिंदी प्रेम के चलते, ऑनलाइन मीडिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिसके चलते हिंदी मीडिया को अपनी सामग्री और प्रस्तुति में सुधार करना पड़ रहा है। यह निश्चित ही पाठकों के दृष्टि से सकारात्मक है किंतु ऑनलाइन मीडिया के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है, जिससे हिंदी मीडिया, विशेष कर लघु और मध्यम प्लेटफॉर्म्स को अपनी सामग्री और सेवाओं को बनाए रखने में परेशानी हो रही है।
मीडिया क्षेत्र के लिए यह सप्ताह चुनौतीपूर्ण रहा। इस हफ्ते मीडिया सेक्टर में निवेशकों को निराशा का सामना करना पड़ा
मीडिया क्षेत्र के लिए यह सप्ताह चुनौतीपूर्ण रहा। इस हफ्ते मीडिया सेक्टर में निवेशकों को निराशा का सामना करना पड़ा, क्योंकि ज्यादातर शेयरों में गिरावट का रुख रहा और मामूली बढ़त ही देखने को मिली। जी एंटरटेनमेंट और टीवी टुडे नेटवर्क के शेयरों मे सप्ताह के मध्य में कुछ उतार-चढ़ाव देखने मिला, जबकि नेटवर्क18 और NDTV में लगातार गिरावट देखी गई।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL)
ZEEL के शेयरों में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखा गया। सोमवार को शेयर की शुरुआत ₹125.10 पर हुई और उसी दिन इसका निचला स्तर ₹122 तक पहुंचा। हालांकि, बुधवार को यह ₹135 तक उछला, जो हफ्ते का सबसे ऊंचा स्तर था। शुक्रवार को यह ₹127 पर बंद हुआ और अंत में ₹125.29 पर सप्ताह का समापन किया। यह हफ्ते की शुरुआत के मुकाबले थोड़ा बेहतर प्रदर्शन था।
नेटवर्क18 (Network18)
नेटवर्क18 मीडिया के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह की शुरुआत सोमवार को ₹72.25 के उच्चतम स्तर से हुई, लेकिन इसके बाद लगातार गिरावट आई। मंगलवार को शेयर ₹69 तक गिर गया और हर दिन करीब ₹1 की गिरावट के साथ शुक्रवार को ₹62.95 पर बंद हुआ, जो हफ्ते का सबसे निचला स्तर था।
टीवी टुडे नेटवर्क (TV Today Network)
TV Today के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव रहा। सोमवार को ₹212.29 पर शुरुआत हुई, लेकिन उसी दिन यह ₹6 गिरकर ₹206.29 पर आ गया। मंगलवार को हल्की रिकवरी करते हुए यह ₹208.85 तक पहुंचा और गुरुवार तक स्थिर रहा। गुरुवार को यह ₹221 के स्तर तक उछला, जो हफ्ते का उच्चतम स्तर था। हालांकि, शुक्रवार को इसमें तेज गिरावट आई और ₹205 तक गिर गया। सप्ताह का समापन ₹207.35 पर हुआ।
या के समक्ष अवसर और चुनौतियां:qq
या के समक्ष अवसर और चुनौतियां:
या के समक्ष अवसर और चुनौतियां:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टीवी पत्रकार पर हमले के मामले में तेलुगु अभिनेता मोहन बाबू को बड़ी राहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टीवी पत्रकार पर हमले के मामले में तेलुगु अभिनेता मोहन बाबू को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने अभिनेता के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने उन्हें चार सप्ताह की अंतरिम राहत देते हुए पत्रकार से यह भी पूछा है कि क्या वह मुआवजे को लेकर समझौता करने में रुचि रखते हैं।
मोहन बाबू के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में तर्क दिया कि यह घटना उस समय हुई जब अभिनेता के अलग रह रहे बेटे और मीडियाकर्मियों के एक समूह ने उनके घर में घुसने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इसी दौरान मोहन बाबू ने माइक फेंका। रोहतगी ने अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और शिकायतकर्ता को मुआवजा देने के लिए तैयार है।
वहीं, पत्रकार के वकील ने कहा कि इस हमले में पत्रकार के जबड़े में चोट आई थी, जिसके चलते सर्जरी करानी पड़ी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अभिनेता अस्पताल में जाकर पत्रकार को धमकाने की कोशिश कर रहे थे।
मोहन बाबू ने तेलंगाना हाईकोर्ट के 23 दिसंबर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अभिनेता को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह देखते हुए कि पत्रकार को गंभीर चोटें आई थीं और उनकी सर्जरी हुई थी। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने इस पर भी गौर किया कि अभिनेता ने कथित रूप से पत्रकार को शिकायत वापस लेने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की थी।
क्या है मामला?
यह घटना 10 दिसंबर की बताई जाती है। आरोप है कि शाम 7:50 बजे मीडियाकर्मी मोहन बाबू और उनके बेटे मंचू मनोज के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद को कवर कर रहे थे। मंचू मनोज ने पत्रकारों को अंदर बुलाया था, लेकिन इसी दौरान मोहन बाबू ने कथित तौर पर एक पत्रकार पर हमला कर दिया।
इस घटना के संबंध में जलपल्ली थाने में शुरुआत में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 118 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में पुलिस ने इसमें धारा 109 (हत्या का प्रयास) भी जोड़ी।
सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए पत्रकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट यह तय करेगा कि आगे की कार्रवाई किस दिशा में होगी।
वाइरल पर्सन... एक बंदा था-नाम प्रीतिश नंदी, अब नहीं रहा। विज्ञापन की दुनिया से आया था और तब आया था जब इंटरनेट, सोशल मीडिया, प्राइवेट चैनल आदि नहीं थे। ओटीटी आदि का तो सवाल ही नहीं।
वाइरल पर्सन... एक बंदा था-नाम प्रीतिश नंदी, अब नहीं रहा। विज्ञापन की दुनिया से आया था और तब आया था जब इंटरनेट, सोशल मीडिया, प्राइवेट चैनल आदि नहीं थे। ओटीटी आदि का तो सवाल ही नहीं।
ग़ज़ब का इंफ्लुएंसर था बंदा। एकदम ओरिजिनल। मास्टरपीस, जिसका कोई डुप्लीकेट नहीं बन सका। अनोखा प्रयोगधर्मी, कामयाबी के लिए किसी भी लेवल तक जा सकने वाला। शब्दों का जादूगर। जितना प्रभावी लिखने में था, उतना ही बोलने में भी। जितना प्रभावी दिखने में, उतना ही काम के मामले में। स्टाइलिश और डेशिंग। हमेशा सिंगल पीस ओरिजिनल रहा। क्लीन शेव्ड था, फिर स्टाइलिश फ्रेंच कट दाढ़ी रखी। कभी खिजाब लगाकर जवान दिखने की कोशिश नहीं की। बाल गिरने लगे तो सिर घुटवा लिया और खलनायक शेट्टी के हेयर स्टाइल में आ गए।
कभी नैतिक/अनैतिक के झगड़े में नहीं पड़ता, सही/ग़लत का बतंगड़ खड़ा नहीं करता। सबसे बराबरी से मिलता, हर जगह अपने काम (और समय) का अच्छा दाम पाने के हुनर का महारथी था। सबसे मिलता और आंखें, कान और दिमाग़ खुला रखकर मिलता। जिससे मिलता, वह दीवाना हो जाता। अफवाहें होतीं कि वे अनुपम खेर के साथ शराब पी रहे थे, नीना गुप्ता के साथ लांग ड्राइव पर थे, महाभारत धारावाहिक की द्रोपदी को जूलरी शॉप लेकर गए थे और वहां से महाबलेश्वर के रास्ते पर थे।
साल 1981 का कोई समय। मैं धर्मयुग में कुछ था, वे द इलेस्ट्रेटेड वीकली के संपादक बनकर टाइम्स ग्रुप में आये थे। मुम्बई वीटी के ठीक सामने टाइम्स ऑफ इंडिया की बिल्डिंग के चौथे माले (फ्लोर) पर वीकली, धर्मयुग और माधुरी के दफ्तर लगे हुए थे। उनके बीच चार फीट का लकड़ी का डिवाइडर था। आते जाते दीदार होते थे, पर बात करने का कोई कारण और हिम्मत नहीं थी।
टाइम्स ग्रुप में समीर जैन, वाइस प्रेसिडेंट थे और उनका जलवा शुरू हुआ ही था। उनके खास ही नहीं, नंदी उनके खासमखास बनकर आये थे। सीधे संपादक बनकर। जिस पत्रिका में कभी खुशवंत सिंह का जलवा था, वहां प्रीतिश नंदी थे। नंदी बिहार में जन्मे बंगाली अभिजात्य थे। एड एजेंसी में कॉपीराइटर, कवि, चित्रकार। सबको समान स्नेह और इज्जत देते थे।
प्रीतिश नंदी ने आते ही वीकली का लेआउट और डिजाइन बदल डाला। फिर कंटेंट। साथ ही अपने ऑफिस का डिजाइन भी। बड़े-से केबिन में बड़ी-सी टेबल और सामने दर्जन भर कुर्सियों को उन्होंने हटवा दिया और दीवार की तरफ मुंह करके बैठने लगे। मुझ जैसे गांवठी ने पहली बार देखा कि कोई संपादक लोगों से मुखातिब नहीं, दीवार की तरफ मुंह करके बैठता है। पता चला कि यह एकाग्रता के लिए किया गया बदलाव है।
टाइम्स ग्रुप में नंदी की तूती बोलने लगी थी। उनके आभामंडल में फिल्मफेयर सबसे पहले आया। फिर धीरे-धीरे सभी प्रकाशन आने लगे। कुछ ही समय बाद वे टाइम्स समूह के सबसे पावरफुल संपादक माने जाने लगे। देखते-देखते पूरे टाइम्स प्रकाशन समूह के पब्लिकेशन डायरेक्टर टाइप कुछ हो गए। जो पद था ही नहीं,वह बनाया गया।
...और फिर खबर आई कि वे 'टाइम्स' छोड़ गये। बंदे ने जो किया, शिद्दत से किया। नहीं किया तो नहीं किया। जैसा चाहा, वैसा ही किया। किसी को बेइज्जत करके, धोखा देकर नहीं किया। धीरूभाई अंबानी से मिले तो ये बात कन्विंस करा कर कि अखबार निकालो। निकलवा भी दिया। बाल ठाकरे से मिले तो कहा कि यहां तो सब मराठीभाऊ हैं, इसीलिए दिल्ली में तुमको कोई पूछता नहीं। दिल्ली में शिवसेना का प्रतिनिधि अंग्रेज़ीदां होना चाहिए। पता नहीं, क्या और कैसी पट्टी पढ़ाई बालासाहब ठाकरे को, कि प्रीतिश नंदी को शिवसेना ने राज्य सभा में भिजवा दिया। छह साल दिल्ली के अशोका रोड के बंगले में रहे।
प्रीतिश नंदी ने किसी सहयोगी और परिवारजन को कोई काम करने से नहीं रोका। खुद ने भी क्या-क्या नहीं किया? फिल्में बनाईं, एनजीओ (पीपल फ़ॉर एनिमल) बनाया, जिम खोला, पेंटिंग की, साहित्य लिखा और संपादित किया, अनुवाद किये, पीआर कंपनी खोली, कॉर्पोरेट हाउस बनाया,नई-नई कारें और घर खरीदे। दूरदर्शन के लिए शो किये। वे पहले शख़्स थे जिनके नाम पर शो का नामकरण हुआ। पेररतिष नंदी शो। जब ओटीटी आया तो वे वहां भी सक्रिय रहे। पद्मश्री सहित कई सम्मान पाये। शिक्षक के बेटे ने करोड़ों, अरबों कमाए और अहंकार नहीं आने दिया। आपा नहीं खोया। कभी भी जबरन भौकाल नहीं ताना। अतिरिक्त गुरूर नहीं रखा और 73 की उम्र में फानी दुनिया को बाय बाय कह दिया। अलविदा प्रीतिश नंदी सर।
(जाने-माने पत्रकार, लेखक और ब्लॉगर डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी की फेसबुक वॉल से साभार)
जाने-माने कवि, फिल्म निर्माता, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद प्रीतिश नंदी का बुधवार को निधन हो गया। करीब 73 वर्षीय प्रीतिश नंदी ने दक्षिण मुंबई स्थित निवास पर अंतिम सांस ली।
जाने-माने कवि, फिल्म निर्माता, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद प्रीतिश नंदी का बुधवार को निधन हो गया। करीब 73 वर्षीय प्रीतिश नंदी ने दक्षिण मुंबई स्थित निवास पर अंतिम सांस ली। प्रीतिश नंदी के निधन की खबर उनके बेटे और फिल्म निर्माता कुशन नंदी ने दी। बताया जा रहा है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ।
इंडिया टीवी के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने प्रसिद्ध पत्रकार व लेखक प्रीतिश नंदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिए साझा किया। उन्होंने प्रीतिश नंदी के साथ बिताए पुराने दिनों और उनके साथ किए गए कामों को याद किया।
रजत शर्मा ने ट्वीट में लिखा, "प्रीतीश नंदी के निधन के साथ जीवन का एक और अध्याय समाप्त हो गया। 40 साल पहले हम दोनों ने मिलकर कई प्रभावशाली हस्तियों को एक्सपोज़ किया था, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा चंद्रा स्वामी की कवर स्टोरी की हुई थी। प्रीतीश तब Illustrated Weekly के एडिटर थे और मैं Onlooker का। दो संपादकों के सहयोग का यह अनोखा प्रयोग था।"
उन्होंने प्रीतिश नंदी के व्यक्तित्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी शरारतें और सेंस ऑफ ह्यूमर हमेशा याद आएंगे। रजत शर्मा ने उनकी अद्वितीय प्रतिभा और पत्रकारिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी याद किया।
प्रीतीश नंदी के निधन के साथ जीवन का एक और अध्याय समाप्त हो गया. 40 साल पहले हम दोनों ने मिल कर कई powerful personalites को expose किया था, जिनमें सबसे ज़्यादा चर्चा चंद्रा स्वामी की cover story की हुई थी. प्रीतीश तब Illustrated Weekly के Editor थे और मैं Onlooker का. दो Editors…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 9, 2025
यह ट्वीट न केवल प्रीतिश नंदी के साथ रजत शर्मा के प्रोफेशनल संबंधों को दर्शाता है, बल्कि उनके व्यक्तिगत जुड़ाव और प्रीतिश नंदी की व्यक्तित्व विशेषताओं को भी उजागर करता है। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है।
करीब 73 वर्षीय प्रीतिश नंदी ने मुंबई स्थित निवास पर अंतिम सांस ली। अभिनेता अनुपम खेर ने अपने करीबी मित्र को खोने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ‘लार्जर दैन लाइफ’ व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बताया।
जाने-माने कवि, फिल्म निर्माता, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद प्रीतिश नंदी का बुधवार को निधन हो गया। करीब 73 वर्षीय प्रीतिश नंदी ने दक्षिण मुंबई स्थित निवास पर अंतिम सांस ली। प्रीतिश नंदी के निधन की खबर उनके बेटे और फिल्म निर्माता कुशन नंदी ने दी। बताया जा रहा है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ।
अभिनेता-राजनेता अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अपने करीबी मित्र को खोने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ‘लार्जर दैन लाइफ’ व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बताया। खेर ने प्रीतिश से अपनी लंबी दोस्ती को याद करते हुए लिखा, ‘मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वे मेरे सहारा और ताकत का बड़ा स्रोत थे। हाल के वर्षों में हमारी मुलाकातें कम हो गई थीं, लेकिन एक समय था जब हम एक-दूसरे से अलग नहीं होते थे।’ खेर ने यह भी बताया कि कैसे नंदी ने उन्हें फ़िल्मफ़ेयर और इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया जैसी पत्रिकाओं के कवर पर लाकर हैरान कर दिया था, जिसे खेर ने अपने जीवन के अविस्मरणीय पल बताया।
Deeply deeply saddened and shocked to know about the demise of one of my dearest and closest friends #PritishNandy! Amazing poet, writer, filmmaker and a brave and unique editor/journalist! He was my support system and a great source of strength in my initial days in Mumbai. We… pic.twitter.com/QYshTlFNd2
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 8, 2025
प्रीतिश नंदी को उनकी बेबाकी और बहुआयामी प्रतिभा के लिए जाना जाता था। वह अपने पीछे कविता, पत्रकारिता, फिल्म निर्माण और सार्वजनिक सेवा में योगदान की विरासत छोड़ गए हैं। नंदी महाराष्ट्र से शिवसेना की ओर से राज्यसभा सांसद भी रहे थे। उनके कई काव्य संग्रह प्रकाशित हुए। पत्रकारिता में उन्होंने नए मानदंड स्थापित किए और भारतीय पत्रकारिता को नई दिशा दी। एक फिल्म निर्माता के रूप में उन्होंने अनूठी कहानियों को बड़े पर्दे पर लाने का काम किया। टेलीविजन व स्ट्रीमिंग कंटेंट निर्माण में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी।
वरिष्ठ पत्रकार और रांची प्रेस क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य राणा गौतम का बुधवार को रांची स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 55 साल के थे
वरिष्ठ पत्रकार और रांची प्रेस क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य राणा गौतम का बुधवार को रांची स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 55 साल के थे और काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इलाज मुंबई और रांची के अस्पतालों में चल रहा था। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है।
राणा गौतम अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को सुबह रांची प्रेस क्लब में दर्शनार्थ रखा जाएगा, जहां उनके चाहने वाले उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे। इसके बाद, उनकी अंत्येष्टि गुरुवार को दोपहर 12 बजे हरमू मुक्तिधाम में संपन्न होगी।
1992 में रांची में पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले राणा गौतम ने हिन्दुस्तान, देशप्राण, आज, रांची एक्सप्रेस और खबर मंत्र जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में रिपोर्टर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई। अपनी सटीक और जिम्मेदार पत्रकारिता के कारण वे जीवन पर्यंत लोकप्रिय रहे। 2023 में, उन्होंने रांची प्रेस क्लब का चुनाव लड़ा और कार्यकारिणी सदस्य चुने गए।
राणा गौतम न केवल अपने पेशेवर कौशल के लिए बल्कि अपने व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे। उनके निधन की खबर से राजधानी के पत्रकारों और उनके जानने वालों में गहरा शोक व्याप्त हो गया।
उनके आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। इस दौरान रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल सोरेन, सचिव अमरकांत, सह सचिव रतन लाल, पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार नीरज सिन्हा, आलोक सिन्हा, चंदन भट्टाचार्य, विजय मिश्र, मोनू कुमार, सौरभ शुक्ला, नवनीत नंदन, बॉबी, प्रसेनजीत मुखर्जी और देव कुमार समेत कई अन्य ने पहुंचकर शोक प्रकट किया।
राणा गौतम के निधन को पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. इराज राजा, विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव और वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद राय भी शामिल रहे।
भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने अपनी दिवंगत माता जी स्वर्गीय राधिका देवी की 9वीं पुण्यतिथि पर शेरपुर गांव में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में मां की स्मृतियों को सजीव करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई।
श्रद्धांजलि सभा में श्री राय ने अपनी मां के जीवन के उन अमूल्य योगदानों को याद किया जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया। उन्होंने कहा, मेरी मां न केवल मेरे जीवन की प्रेरणा थीं, बल्कि उनके जीवन मूल्य और शिक्षाएं आज भी मेरा मार्गदर्शन करती हैं।
उन्होंने आगे कहा, मां के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी बेमानी है, वह जगजननी है। उन्होंने कहा कि मां हर मानव की पहली गुरु होती है, जिसकी छाप जीवन के हर एक मोड़ पर परिलक्षित होती है। मां की नामौजूदगी जीवन भर महसूस होगी।
मां के चरणों में श्रद्धा का फूल चढ़ाना बड़े ही सौभाग्य की बात होती है। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. इराज राजा, विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव और वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद राय भी शामिल रहे।
स्मरण सभा में उपस्थित लोगों ने स्वर्गीय राधिका देवी के प्रेम, करुणा और सेवा के अद्वितीय गुणों को याद किया। उनके जीवन से जुड़ी प्रेरक कहानियां और परिवार के साथ साझा किए गए अनमोल पलों ने उनकी विरासत को और जीवंत बनाया।
अयोध्या/फैजाबाद में जिला संवाददाता के तौर पर कार्यरत बलबीर सिंह का शव बिस्तर पर मिला, हार्ट अटैक से मौत की जताई जा रही आशंका
अयोध्या/फैजाबाद में ‘आजतक’ के वरिष्ठ संवाददाता बलबीर सिंह का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बलबीर सिंह सुबह अपने बिस्तर पर गिरे हुए मिले। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि हार्ट अटैक के चलते बलबीर सिंह का निधन हुआ है।
बलबीर सिंह के निधन पर सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। तमाम जानने वालों और शुभचिंतकों ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
अत्यंत दुखद ? प्रिय साथी आजतक के वरिष्ठ संवाददाता बनबीर सिंह भाई आज हम लोगों का साथ छोड़ कर चले गए। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम मृतात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिजनों को यह पहाड़ जैसा दुःख सहन करने की शक्ति दें।
— Jaiprakash Singh (@jai29451) January 7, 2025
भाई विनम्र श्रद्धांजलि ??
शत-शत नमन ?? pic.twitter.com/swQ6H52e7c
सीनियर रिपोर्टर (इंडिया टुडे ग्रुप) श्री बनबीर सिंह जी के निधन की दुखद सूचना प्राप्त हुई, ईश्वर बनबीर जी को अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को इस कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ॐ शांति??
— सत्यमेव जयते (@Shaan_TheReport) January 7, 2025
विनम्र श्रद्धांजलि ???? pic.twitter.com/81AsBJZiy2
आज तक/ इंडिया टुडे के अयोध्या संवाददाता बनवीर सिंह नहीं रहे,आधी रात हृदय गति रुकने से उनका देहांत हो गया.
— kumar abhishek. (@abhishek6164) January 7, 2025
प्रभु श्रीराम उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें
हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ?
बनबीर जी का यूं चला जाना सबको रूला गया pic.twitter.com/BVPLXShorG
बनबीर जी का ऐसे चले जाना बेहद दुखी कर गया. ईश्वर परिवार को इस दुख के वक्त में धीरज दे. विनम्र श्रद्धांजलि. https://t.co/CyzUCLX2mi
— Ameesh Kumar Rai (अमीश कुमार राय) (@ameesh143) January 7, 2025
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और 17 शहीदों को शौर्य सम्मान से सम्मानित किया। यह आयोजन पिछले एक दशक से अनवरत जारी है।
आईटीवी नेटवर्क ने लखनऊ के ताजमहल होटल में शौर्य सम्मान 2025 का आयोजन किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों, सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को सम्मानित किया गया। यह आयोजन पिछले एक दशक से अनवरत जारी है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और 17 शहीदों को शौर्य सम्मान से सम्मानित किया।
दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सीएम योगी ने देश पर जान न्योछावर करने वाले 17 शहीदों- लांस नायक शहीद सुदामा राम, शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता, हेड कांस्टेबल शहीद शशिकांत तिवारी, मेजर शहीद नरेंद्र कुमार तुली, लांस नायक शहीद रंजीत सिंह, शहीद पंकज त्रिपाठी, कांस्टेबल शहीद राम समुझ यादव, जवान शहीद रमेश यादव, शहीद हवलदार देवी प्रकाश सिंह, सिपाही शहीद रामलाल राम, लांस नायक शहीद राजेश कुमार यादव, हवलदार शहीद कुंवर सिंह चौधरी, सेक्शन कमांडर शहीद राजा सिंह, शहीद कैप्टन मनोज पांडेय, पुलिस उपनिरीक्षक शहीद अनिल कुमार मौर्य, सिपाही शहीद नरेंद्र कुमार तिवारी, सिपाही शहीद हर्षवर्धन सिंह बिषेन को शौर्य सम्मान से सम्मानित किया।
शहीदों के परिवारवालों ने मुख्यमंत्री से सम्मान ग्रहण किया। मुख्यमंत्री योगी ने 1965 की जंग में अद्भुत युद्ध कौशल के लिए वीर चक्र से सम्मानित कुमाऊं रेजिमेंट के रिटायर्ड मेजर धीरेंद्र नाथ सिंह को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों सहित उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली प्रतिभाओं प्रसिद्ध अभिनेता विनीत कुमार सिंह, कुशाल टंडन, आहाना कुमरा को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इंडिया न्यूज़ की भरपूर तारीफ़ करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सपूतों का आईटीवी नेटवर्क की ओर से सम्मान बड़ा राष्ट्र दायित्व है।
शौर्य सम्मान समारोह में राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, द संडे गार्जियन फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा, हरियाणा के कालका से बीजेपी विधायक शक्ति रानी शर्मा समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी सरकार के कई मंत्री, यूपी पुलिस के एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने गैलेंट्री अवॉर्ड से पुरस्कृत पुलिस उपाधीक्षक विमल कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु कुमार, निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार, मुख्य आरक्षी सुशील कुमार, निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह, उप निरीक्षक राकेश कुमार सिंह चौहान, मुख्य आरक्षी अनिल कुमार, मुख्य आरक्षी हरिओम, उप निरीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह, आरक्षी विपिन कुमार, निरीक्षक राजीव चौधरी को भी आईटीवी के शौर्य सम्मान से सम्मानित किया। मिशन शक्ति में अहम भूमिका निभाने के लिए इंस्पेक्टर अरुणा राय को भी शौर्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद का बलिदान कौम की जिंदगी होती। देश, धर्म के लिए बलिदान होने वाली लंबी श्रृंखला सदैव से समाज को नया जीवन देती रही है। सीएम ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर पीएम मोदी के देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का भी जिक्र किया। उन्होंने पीएम मोदी के पंच प्रण की बात याद दिलाई, और कहा कि इसमें मुख्यतः गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करना, महापुरुषों पर गौरव की अनुभूति, सुरक्षा बलों के जवानों का सम्मान करना है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति के समागम प्रयागराज महाकुम्भ में सभी को आमंत्रित करते हुए कहा कि आज का उत्तर प्रदेश नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और देश के लिए उनकी कुर्बानियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत माइनस तापमान में भी देश की सीमाओं पर खड़े हैं सीएम ने कहा कि जवान सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह किए बिना देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। यदि समाज आर्मी, पैरामिलिट्री, पुलिस बल के जवानों का सम्मान नहीं करेगा या शहीद परिवारों के बारे में नहीं सोचेगा तो इसका मतलब हम राष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि 1965-1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में भागीदार, शहीदों के परिजनों, भारतीय सेना के जवानों, देश के अंदर हुए विभिन्न ऑपरेशन में भाग लेने वाले स्मृतिशेष जवानों के परिजनों का यहां सम्मान हुआ। सुरक्षा के बिना सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। स्वतंत्रता का अहसास हो, लेकिन हमारी स्वतंत्रता दूसरे की स्वतंत्रता में बाधा न बने। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान दिया, उसके अनुसार सुरक्षा की पहली शर्त सुशासन है। सुशासन की स्थापना के लिए जो जवान दिन रात लगे रहते हैं, उन्हें सम्मान देना राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन जैसा है।
शौर्य सम्मान कार्यक्रम में यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने कहा कि लोगों का अब कानून पर पूरा विश्वास है। उत्तर प्रदेश में गैंग का वजूद खत्म हो गया है। छोटे गैंग प्रदेश छोड़ कर भाग चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ में आतंकी हमलों के सवाल के जवाब में अमिताभ यश ने कहा कि महाकुंभ को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता है। महाकुंभ मेले की एडवांस तकनीक के साथ निगरानी की जाएगी। मेला क्षेत्र में हर छोटे-बड़े मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी।
कार्यक्रम में पहुंचे यूपी के उपमुख्यमंत्री सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों में अब भय दिखता है। प्रदेश का विकास हो रहा है, हर जिले में पूरी बिजली मिल रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना है। महाकुंभ की तैयारियों को लेकर ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियां दुरुस्त हैं। महाकु्ंभ में सुरक्षा के साथ ही श्रद्धालुओं, पर्यटकों के स्वास्थ्य का पूरा इंतजाम किया गया है।
सुबह से लेकर देर शाम तक हुए शौर्य सम्मान समारोह का समापन करते हुए द संडे गार्जियन फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने आईटीवी का हौसला बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आईटीवी नेटवर्क वीरों से सम्मान की इस मुहिम को आगे भी चलाता रहेगा और देशभर में शौर्य सम्मान का आयोजन करता रहेगा। उन्होंने आईटीवी के इस तरह के सम्मान समारोह में यूपी सरकार के सहयोग और हौसला अफजाई के लिए भी योगी सरकार को धन्यवाद दिया। ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा कि योगी सरकार के शासन में 2017 से उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त हुआ।